कंप्यूटर क्या है (What is a Computer in Hindi) – कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसे हम बहुत सारे तार्किक और अंकगणितीय कार्यों के लिए प्रोग्राम कर सकते हैं। कंप्यूटर यह हमारे निर्देशों के अनुसार हमारे कार्य को निष्पादित करता है। हम यह जानते हैं कि कंप्यूटर का उपयोग दस्तावेज़ों को टाइप करने, ईमेल भेजने, गेम खेलने और वेब ब्राउज़ करने के लिए सकते हैं। कंप्यूटर से हम ऑफिस एक्सेल, वर्ड, प्रेजेंटेशन और वीडियो बनाने या संपादित करने के लिए भी इसका उपयोग कर सकते हैं। कंप्यूटर का हिंदी नाम संगणक हैं। कई सौ साल पहले कंप्यूटर का मतलब एक व्यक्ति था जो संगणना का कार्य करते थे, लेकिन अब यह शब्द लगभग सार्वभौमिक रूप से स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी को संदर्भित करता है। निचे हमने कंप्यूटर के बारे में विस्तृत से जानकारी दी है जैसे की What is a Computer in Hindi (कंप्यूटर क्या है?), कंप्यूटर का फुल फॉर्म (What is Computer Full Form) क्या होता है और अलग-अलग पीढ़ी के कंप्यूटर तथा उसके प्रकार इत्यादि।
कंप्यूटर क्या है | What is a Computer in Hindi
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसका उपयोग गणितीय गणना करने, डेटा को स्टोर करने, तथा विभिन्न प्रकार के अन्य मशीनों को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। आज के आधुनिक युग में लगभग जगह कंप्यूटर का उपयोग किया जाने लगा है।
या
आसान भाषा में कंप्यूटर, यूजर के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करके परिणाम दिखाता है। कंप्यूटर की Storage Device में डेटा को लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर उसे दुबारा Recover किया जा सकता है।
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Computer शब्द इंग्लिश के Compute शब्द से लिया गया है, जिसका मतलब होता है – गणना करना। आज से कई सौ साल पहले यह शब्द बुद्धिमान अर्थात गणितज्ञ व्यक्ति के लिये उपयोग किया जाता था जो गणना किया करते थे।
What is Computer Full Form
दोस्तों हम सब बचपन से ही कंप्यूटर का नाम सुनते आ रहे है, लेकिन क्या आपको इसका पूरा नाम (What is Computer Full Form) पता है? अब आप सोच रहे होंगे की What is Computer Full Form? आपको बता दें की COMPUTER शब्द के हर लैटर का एक अलग मतलब होता है।
- C = Commonly (सर्वसाधारण)
- O = Operated (संचालित करना)
- M = Machine (यन्त्र)
- P = Particularly (विशेष रूप से)
- P = Particularly (विशेष रूप से)
- U = Used for (उपयोग)
- T = Technology (प्रोद्योगिकी)
- E = Education and (पढ़ाई और)
- R = Research (खोज)
कम्प्यूटर का जनक कौन है?
कम्प्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज को कहा जाता है। चार्ल्स बैबेज का जन्म लंदन में हुआ था लेकिन वहां की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है तो अंग्रेजी से ही कोई शब्द क्यों नहीं लिया गया? इसकी वजह यह है कि जो अंग्रेजी भाषा है उसके तकनीकी शब्द खासतौर पर प्राचीन ग्रीक भाषा और लैटिन भाषा पर आधारित है इसलिए कंप्यूटर शब्द के लिए लैटिन भाषा के शब्द कंप्यूट (Compute) को लिया गया।
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मुख्य भाग – Main Parts of Computer
कंप्यूटर कई आवश्यक भागों से मिलकर बना होता है जिन्हें हम मुख्यतः दो श्रेणी में विभाजित कर सकते हैं: कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर।
सॉफ्टवेयर – What is Computer Software
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। कंप्यूटर का मुख्य सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) विभिन्न प्रकार के हार्डवेयर की मदद से आवश्यक कार्य करता है। दुनिया का सबसे प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम Microsoft द्वारा निर्मित Windows OS है। यह दुनिया के लगभग 83% कंप्यूटरों में उपयोग किया जाता है। दूसरा सबसे प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम Apple का Mac OS है। इसके अलावा कुछ Open Source ऑपरेटिंग सिस्टम भी हैं जैसे Linux Mint, OpenSUSE, Red Hat इत्यादि।
इसके अलावा भी अन्य उपयोगी सॉफ्टवेयर होते है, जिसे आवश्यकता के अनुसार डाला या हटाया जा सकता है। जैसे कुछ आवश्यक सॉफ्टवेयर: Microsoft Office, Photoshop, Adobe Reader, Paint, Chrome Browser, TeamViewer इत्यादि हैं।
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हार्डवेयर – What is Computer Hardware
हार्डवेयर भी कंप्यूटर का एक मुख्य हिस्सा है जिसमें एक भौतिक संरचना होती है। कंप्यूटर हार्डवेयर में कंप्यूटर के भौतिक भाग, जैसे केस, सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू), मॉनिटर, माउस, कीबोर्ड, कंप्यूटर डेटा स्टोरेज, ग्राफिक्स कार्ड, साउंड कार्ड, स्पीकर और मदरबोर्ड शामिल होते हैं।
कम्प्यूटर के प्रकार
उपर हमने कंप्यूटर क्या है? What is Computer in Hindi को विस्तृत से जाना, निचे हमने इसके प्रकार के बारे में बताया है। कंप्यूटर को इसके अनुप्रयोग, आकार और क्षमता के अनुसार कई भागो में विभाजित किया गया है।
(अ). अनुप्रयोग के आधार पर
- एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)
- डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
- हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer)
1. एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer): एनालॉग कंप्यूटर वे कम्प्यूटर होते है जो भौतिक मात्राओं को मापने का कार्य करते है। जैसे – दाब, ताप, लम्बाई, चौड़ाई आदि को मापकर उनके परिणाम अंको में व्यक्त कर सकते है। यह कम्प्यूटर दो परिमापों के बीच तुलना भी कर सकता है।
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2. डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer): डिजिटल कम्प्यूटर अंको की गणना करते है और डाटा एवं प्रोग्राम को (0, 1 ) में परिवर्तित करके उनका इलेक्ट्रॉनिक रूप ले लेते है। अधिकांश कम्प्यूटर डिजिटल कम्प्यूटर ही होते हैं और इन Computer का उपयोग कार्यालयों, विद्यालयों,दुकानों इत्यादि में किया जाता है।
3. हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer): वह कम्प्यूटर जो Analog एवं Digital Computer दोनों का कार्य करते है, हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) कहलाते है। जैसे – रोबोट, पेट्रोल पम्प आदि।
(ब). आकार एवं क्षमता के आधार पर
- माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
- मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
- मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
- सुपर कम्प्यूटर (Super Computer)
1 . माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer): माइक्रो कंप्यूटर आकार में बहुत ही छोटे होते है और इनमे Microprocessor का प्रयोग किया जाता है। इसलिए इन्हे माइक्रो कम्प्यूटर कहते है। यह कंप्यूटर वजन में हल्के एवं सस्ते होते हैं। इन कम्प्यूटर का प्रयोग छोटे व्यवसाय व घरों में किया जाता है इन्हें Personal Computer (PC) भी कहते है। PC पाँच प्रकार के होते हैं।
- डेस्कटॉप (Desktop)
- लैपटॉप (Laptop)
- पामटॉप (Palmtop)
- नोटबुक (Notebook)
- टेबलेट (Tablet)
2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer): मिनी कम्प्यूटर, माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में कुछ बड़े, तेज व मँहगे होते है। इसका मुख्य उद्देश्य मल्टीयूज़र वातावरण प्रदान करना है।
3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer): मेनफ़्रेम कम्प्यूटर बड़ी कम्पनियों एवं सरकारी ऑफिसों में सर्वर कम्प्यूटर के कार्य के लिए प्रयोग किये जाते है। मेनफ़्रेम की कार्य क्षमता मिनी कम्प्यूटर से अधिक होती है। इस कम्प्यूटर पर एक साथ कई यूजर लॉगिन कर सकते है।
4. सुपर कम्प्यूटर (Super Computer): यह एक विशेष प्रकार के कम्प्यूटर होते है और इनका निर्माण विशेष कार्य के लिए किया जाता है। ये दुनिया के सबसे तेज और बड़े कम्प्यूटर होते है। सुपर कंप्यूटर में अनेक CPU एक समान्तर क्रम में लगे होते है जिसके कारण से इनकी कार्य करने की क्षमता अधिक होती है। भारत द्वारा निर्मित प्रथम सुपर कम्प्यूटर का नाम परम था।
कंप्यूटर की मेमोरी और इकाई
Bit और byte मेमोरी के बुनियादी ब्लॉक हैं। Bit का मतलब बाइनरी अंक (0, 1) है। एक Bit मतलब एक या एक शून्य होता है। एक byte आठ Bits से मिलकर बनता है। कंप्यूटर मेमोरी बेस यूनिट के गुणकों के लिए इंटरनेशनल सिस्टम ऑफ यूनिट्स (SI) के एक हिस्से byte का उपयोग करती है। एक किलोबाइट (KB) = 1024 bytes होता है।
1 Bit | 0 or 1 |
8 Bits | 1 byte |
1024 Bytes | 1 KB |
1024 Kilobyte | 1 MB |
1024 Megabyte | 1 GB |
1024 Gigabyte | 1 TB |
1024 Terabyte | 1 PB |
1024 Petabyte | 1 EB |
1024 Exabyte | 1 ZB |
1024 Zettabyte | 1 YB |
1024 Yottabyte | 1 Brontobyte |
कंप्यूटर का इतिहास
- प्रथम पीढ़ी (1940 – 1956)
- द्वितीय पीढ़ी (1956 – 1963)
- तृतीय पीढ़ी (1963 – 1971)
- चौथी पीढ़ी (1971 – 1980)
- पांचवी पीढ़ी (1980 – अब तक)
पहले गणना उपकरण का उपयोग आदिम लोगों द्वारा किया जाता था। उन्होंने लाठी, पत्थर और हड्डियों का इस्तेमाल गिनती के औजार के रूप में किया। मानव दिमाग और प्रौद्योगिकी के रूप में समय के साथ और अधिक कंप्यूटिंग उपकरणों का विकास हुआ। कंप्यूटर का इतिहास अबेकस (ABACUS) के जन्म के साथ शुरू होता है जिसे माना जाता है कि यह पहला कंप्यूटर है। ऐसा कहा जाता है कि चीनी ने लगभग 4,000 साल पहले अबेकस का आविष्कार किया था।
अबेकस में एक लकड़ी का रैक था जिसमें धातु की छड़ें होती हैं और जिन पर मोतियों की माला चढ़ाई जाती थी। गणना के लिए मोतियों को अबेकस ऑपरेटर द्वारा खिसकाया जाता था।
प्रथम पीढ़ी (1940 – 1956) के कंप्यूटर
प्रथम पीढ़ी (First Generation) कंप्यूटर की शुरुवात सन 1940 में हुई जब एनियक (ENIAC) को विकसित किया गया। इन कंप्यूटरों में Vacuum Tubes का इस्तेमाल किया जाता था। यह कंप्यूटर साइज में काफी बड़े आकार के होते थे, जिसके कारण यह पूरे कमरे की जगह घेर लेते थे। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर पंच कार्ड (Punch Cards) पर आधारित थे और मेमोरी के लिए मैग्नेटिक ड्रम का इस्तेमाल होता था। प्रोग्रामिंग के लिए मशीनी भाषा का इस्तेमाल किया जाता था।
द्वितीय पीढ़ी (1956 – 1963) के कंप्यूटर
द्वितीय पीढ़ी (Second Generation) के कंप्यूटर में Vacuum Tubes के बदले ट्रांसिस्टर (Transistors) का इस्तेमाल होता था। जिसके कारण इस पीढ़ी के कंप्यूटर के साइज प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के मुकाबले थोड़े छोटे हो गए और पहली पीढ़ी की तुलना में कम बिजली खर्च करने के साथ सस्ते होते थे। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज फोरर्ट्रान (Fortran), कोबोल (Cobol) का इस्तेमाल किया जाने लगा।
तृतीय पीढ़ी (1963 – 1971) के कंप्यूटर
तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर पिछली पीढ़ियों से अधिक बेहतर थे। इस पीढ़ी में अब आई.सी (Integrated Circuit) का अविष्कार हो चुका था। आई.सी के उपयोग ने कंप्यूटर के आकार को और काफी छोटा कर दिया। इसके अलावा इस जनरेशन के कंप्यूटर में कम बिजली खर्च होता था और गर्मी भी कम उत्पन्न करते थे। डेटा इनपुट (Data Input) करने के लिए भी अब Keyboard और Mouse का इस्तेमाल होने लगा। इन सब के अलावा तृतीय पीढ़ी में ऑपरेटिंग सिस्टम, टाइम-शेयरिंग और मल्टीपल प्रोग्रामिंग के कॉन्सेप्ट पर भी काम किया गया था।
चौथी पीढ़ी (1971 – 1980) के कंप्यूटर
Fourth Generation के कम्प्यूटर में VLSI (Very Large Scale Integration) सर्किट का इस्तेमाल होने लगा। जिसके तहत एक सिंगल चिप में हजारों Transistors और अन्य इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट को एकीकृत किया गया। इस आधुनिक तकनीक के कारण इस जनरेशन के कंप्यूटर आकार में बहुत अधिक छोटे होने के साथ-साथ ज्यादा शक्तिशाली और सस्ते थे। अब कंप्यूटर में सभी उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं (C, C++, D Base, etc.) का प्रयोग किया जाने लगा।
पांचवी पीढ़ी (1980 – अभी तक) के कंप्यूटर
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर अन्य सभी पीढ़ियों की तुलना में आकार में बहुत ही छोटे, अधिक तेज और मल्टी-टास्किंग होते है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में कई नए फीचर जोड़ें गए है। यह ULSI (Ultra Large Scale Integration) तकनीक पर आधारित है, जिसके फलस्वरूप अब एक छोटी सी Microprocessor Chip में लांखो इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट एकीकृत किये जा सकते है। इस पीढ़ी की कुछ एडवांस तकनीकों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कम्प्यूटेशन, नैनोटेक्नोलाजी और पैरेलल प्रोसेसिंग शामिल है।