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इस लेख में हम उपसर्ग (Upsarg in Hindi), उपसर्ग के उदाहरण और Upsarg ki Paribhasha के बारे में विस्तारपूर्वक जानेंगे। हमने बोर्ड परीक्षाओं और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखकर महत्वपूर्ण उदाहरणों को सम्मिलित किया है। देखा गया है है की स्कूल की परीक्षाओं के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उपसर्ग की परिभाषा (Upsarg Ki Paribhasha) और उपसर्ग के उदाहरण (Upsarg ke Udaharan) पूछे जाते हैं। निचे पोस्ट में हमने विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए Upsarg ke Udaharan को दिया है जिसका अभ्यास करके आप अपनी तैयारी को और अच्छा बना सकते हो।
Upsarg in Hindi | Upsarg ki Paribhasha
उपसर्ग = उप (पास या समीप) + सर्ग का अर्थ है (सृष्टि करना) या किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना। वह शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के प्रारंभ में जुड़कर शब्द में विशेषता लाते हैं या अर्थ बदल देते हैं, वे उपसर्ग (Upsarg in Hindi) कहलाते हैं। उपसर्ग का स्वयं का कोई अर्थ नहीं होता है।
जैसे: कानूनी शब्द का अर्थ होता है कानून के अनुसार परन्तु उससे पूर्व ‘गैर’ लगा देने से नया शब्द गैरकानूनी बनता है, जिसका अर्थ होता है कानून के विरूद्ध।
उपसर्ग | मूल शब्द | नवीन शब्द |
---|---|---|
अ | ज्ञान | अज्ञान |
प्र | चार | प्रचार |
प्रति | दिन | प्रतिदिन |
उपसर्ग शब्द-निर्माण में बहुत ही सहायक होता है। एक ही मूल शब्द विभिन्न उपसर्गों के योग से विभिन्न अर्थ प्रकट करते हैं।
उपसर्ग | मूल शब्द | नवीन शब्द |
---|---|---|
आ | हार | आहार |
प्र | हार | प्रहार |
सम | हार | संहार |
वि | हार | विहार |
उप | हार | उपहार |
इसे भी पढ़े – विराम चिन्ह के प्रकार, प्रयोग और नियम
हिंदी भाषा में विराम चिन्हों का बहुत अधिक महत्व है। यदि लिखते समय विराम चिन्ह का प्रयोग न किया जाये तो कभी-कभी अर्थ का अनर्थ हो जाता है।
उपसर्ग की विशेषताएँ
उपसर्ग (Upsarg in Hindi) की निम्नलिखित प्रमुख तीन विशेषताएँ हैं।
- शब्द के अर्थ में नई विशेषता लाना।
- अनु + शासन = अनुशासन
- आ + जीवन = आजीवन
- अति + सुन्दर = अतिसुन्दर
- शब्द के अर्थ में हल्का सा परिवर्तन।
- परि + भ्रमण = परिभ्रमण
- वि + शुद्ध = विशुद्ध
- शब्द के अर्थ को उल्टा कर देना।
- अप + यश = अपयश
- ना + पसंद = नापसंद
- अ + सत्य = असत्य
उपसर्ग के विशेष तथ्य
- उपसर्ग केवल विकारी शब्द के साथ प्रयोग में लाये जाते हैं अर्थात उपसर्ग (Upsarg in Hindi) कभी भी अविकारी शब्द के साथ नहीं लगता है।
- उपसर्ग (Upsarg in Hindi) का प्रयोग किसी शब्द की तरह स्वतंत्र रूप से नहीं किया जा सकता है।
- उपसर्ग के प्रयोग से सामासिक एवं संधि शब्द बनाये जा सकते हैं।
- संस्कृत भाषा के उपसर्ग सदैव तत्सम शब्दों के साथ लगते हैं।
- हिंदी भाषा के उपसर्ग हिंदी के साथ और विदेशी भाषा के उपसर्ग हमेशा विदेशी भाषा के शब्दों के साथ ही प्रयोग किया जाता है।
उपसर्ग के प्रकार | Upsarg ke Prakar
हमे आशा है आप सभी उपसर्ग की परिभाषा (Upsarg ki Paribhasha) आचे से समझ गए होंगे। निचे हमने भाषा के आधार पर Upsarg ke Prakar दिए हैं। तत्सम शब्दों में लगाये जाने वाले उपसर्ग संस्कृत के उपसर्ग होते हैं। और तद्भव शब्दों में प्रयोग किये जाने वाले उपसर्ग हिंदी के उपसर्ग (Upsarg in Hindi) होते हैं। हिंदी भाषा में प्रयोग किये जाने वाले अंग्रेजी भाषाओं (विदेशी) के उपसर्ग आगत उपसर्ग कहलाते हैं।
हिन्दी भाषा में उपसर्ग मुख्यतः निम्नलिखित चार प्रकार के होते है :
- हिन्दी भाषा के उपसर्ग
- संस्कृत भाषा के उपसर्ग
- अंग्रेजी (विदेशी) भाषा के उपसर्ग
- उर्दू भाषा के उपसर्ग
1. हिन्दी उपसर्ग के उदाहरण | Upsarg ke Udaharan
हिन्दी उपसर्ग को संस्कृत उपसर्ग का विकृत रूप (अपभ्रंश) कहा जा सकता है। इनका प्रयोग हिन्दी के तद्भव शब्दों के साथ ही किया जाता है।
हिंदी में मुख्यतः 22 उपसर्ग होते हैं, सर्वाधिक प्रचलित उपसर्ग और उनके उदाहरण (Upsarg ke Udaharan) निचे दिए गए हैं।
उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से बने नवीन शब्द |
---|---|---|
अन | नहीं | अनपढ़, अनजान, अनबन, अनहोनी, अनचाहा, अनमोल |
अध | आधा | अधपका, अधमरा, अधखिला, अधनंगा, अधगला, अधजला |
उन | एक कम | उनचालीस, उनतीस, उनसठ, उन्नासी, उन्नीस |
औ | अब | औगुन, औगढ़, औघट, औतार, औसर |
कु | बुरा | कुपुत्र, कुरूप, कुख्यात, कुचक्र, कुरीति |
चौ | चार | चौराहा, चौमासा, चौरंगा, चौकन्ना, चौमुखा, चौपाया |
पच | पाँच | पचमेल, पचकूटा, पचमढ़ी, पचरंगा |
पर | दूसरा | परहित, परदेसी, परकोटा, परलोक, परोपकार, परजीवी |
बिन | बिना | बिन खाया, बिनब्याहा, बिनमाँगा, बिनबुलाया, बिनबोया |
भर | पूरा | भरपेट, भरपूर, भरसक, भरमार, भरपाई, भरकम |
स | सहित | सफल, सगुण, सजीव, सकर्मक, सबल, सावधान |
चिर | सदैव | चिरयौवन,चिरकाल, चिरायु, चिरस्थायी, चिरपरिचित |
न | नहीं | नास्तिक, नग, नगण्य, नेति, नकुल, नपुंसक |
बहु | ज्यादा | बहुमूल्य, बहुमत, बहुभुज, बहुसंख्यक, बहुवचन, बहुविवाह |
आप | स्वयं | आपकाज, आपसुनी, आपबीती |
सम | समान | समकोण, समतल, समदर्शी, समकालीन, समग्र, समकक्ष |
दु | बुरा/हीन | दुत्कार, दुबला, दुर्बल, दुकाल, दुर्जन |
का | बुरा | काजल, कायर |
ति | तीन | तिपाई, तिकोना, तिरंगा, तिगुना, तिबारा, तिपहिया |
नाना | विभिन्न | नानारूप, नानाप्रकार |
उ | ऊँचा | उचक्का, उजड़ना |
2. संस्कृत उपसर्ग के उदाहरण | Upsarg ke Udaharan
हिन्दी भाषा के तत्सम शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग, संस्कृत के उपसर्ग या तत्सम उपसर्ग कहलाते हैं। इनकी संख्या 22 मानी गयी है।
जैसे की ऊपर बताया गया है उपसर्ग का अपना अर्थ नहीं होता है किन्तु किसी शब्द के साथ मिलकर वह भिन्न-भिन्न अर्थ का बोध कराता है। उनको आधार बनाकर निचे उपसर्ग, उसके अर्थ और संयोग से बने नवीन शब्द दिए जा रहे हैं:
उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से बने नवीन शब्द |
---|---|---|
अति | अधिक | अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अतिशय, अत्याचार, अत्यन्त |
अधि | प्रधान/श्रेष्ठ | अधिनियम, अधिकृत, अधिकरण, अध्यक्ष, अध्ययन, अधिनायक |
अनु | पीछे | अनुचर, अनुकरण, अनुनाद, अनुभव, अनुज, अनुकूल |
अप | बुरा | अपयश, अपकार, अपकीर्ति, अपव्यय, अपशकुन, अपशब्द |
अभि | पास | अभिवादन,अभिनव, अभिनय, अभियोग, अभिमान, अभिभाषण |
अव | हीनता | अवगुण, अवनति, अवशेष, अवरोहण, अवगति, अवज्ञा |
आ | तक/से | आघात, आरक्षण, आगमन, आजन्म, आमरण, आजीवन |
उत् | श्रेष्ठ | उत्पत्ति, उत्कृष्ट, उन्नत, उल्लेख, उत्पीड़न |
उप | सहायक | उपभोग, उपवन, उपयोग, उपहार, उपमन्त्री, उपनाम |
दुर् | कठिन/गलत | दुर्दशा, दुर्गुण, दुराचार, दुरुपयोग, दुराग्रह, दुरवस्था |
दुस् | बुरा/कठिन | दुश्चिन्त, दुष्कर, दुष्कर्म, दुस्साहस |
नि | बिना | निगम, निवास, निबन्ध, निषिद्ध, निडर, निषेध |
निस् | बिना/बाहर | निश्चय, निष्काम, निष्पाप, निष्फल, निश्छल, निष्कर्म |
निर् | बिना | निराकार, नीरस, निरीह, निरक्षर, निरादर |
प्र | आगे | प्रदान, प्रबल, प्रयोग, प्रहार, प्रयत्न, प्रसार |
परा | विपरीत | पराजय, पराभव, परामर्श, परावर्तन, पराविद्या, पराक्रम |
परि | चारों ओर | परिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परीक्षा, पर्याप्त, परिश्रम |
प्रति | प्रत्येक | प्रतिदिन, प्रतिकूल, प्रतिहिंसा, प्रतिरूप, प्रतिध्वनि, प्रत्येक |
वि | विशेष | विजय, विहार, व्याधि, व्यसन, व्यवहार, विख्यात |
सु | अच्छा | सुगन्ध, सुयश, सुमन, सुबोध, सुशील, सुलभ |
सम् | अच्छी तरह | सन्तोष, संगठन, संकल्प, संरक्षा, संलग्न, संशय |
अन् | नहीं/बुरा | अनन्त, अनुपयुक्त, अनिष्ट, अनुपयोगी, अनुपम |
3. अंग्रेजी उपसर्ग के उदाहरण | Upsarg ke Udaharan
हिंदी भाषा में अंग्रेजी भाषा (विदेशी) के निम्नलिखित उपसर्गों (Upsarg in Hindi) का प्रयोग किया जाता है :
उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से बने नवीन शब्द |
---|---|---|
सब | अधीन, नीचे | सब-जज, सब-इंस्पेक्टर, सब-कमेटी |
डिप्टी | सहायक | डिप्टी-रजिस्ट्रार, डिप्टी-कलेक्टर, डिप्टी-मिनिस्टर |
वाइस | सहायक | वाइस-चांसलर, वाइसराय, वाइस-पप्रेसीडेंट |
जनरल | प्रधान | जनरल सेक्रेटरी, जनरल मैनेजर |
चीफ | प्रमुख | चीफ-मिनिस्टर, चीफ-सेक्रेटरी, चीफ-इंजीनियर |
हेड | मुख्य | हेड क्लर्क, हेडमास्टर |
हाफ | आधा | हाफटिक, हाफकमीज, हाफशर्ट, हाफपेन्ट |
को | सहित | को-आपरेशन, को-आपरेटिव, को-एजूकेशन |
टेली | दूर | टेलीविजन, टेलीफोन, टेलीस्कोप |
इसे भी पढ़े – लोकोक्तियाँ और उनके अर्थ 290+ उदाहरण
लोकोक्तियाँ बहुत अधिक प्रचलित और लोगों के मुँह चढ़े वाक्य के तौर पर जाने जाते हैं। इन वाक्यों में आम लोगो के अनुभव का सार होता है।
4. उर्दू उपसर्ग के उदाहरण | Upsarg ke Udaharan
हिंदी भाषा में उर्दू भाषा के निम्नलिखित उपसर्ग का प्रयोग किया जाता है :
उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से बने नवीन शब्द |
---|---|---|
ला | बिना | लावारिस, लाजवाब, लापता, लाचार, लापरवाह |
बद | बुरा | बदसूरत, बददिमाग, बदबू, बदनाम, बदकिस्मत |
बे | बिना | बेकाम, बेअसर, बेईमान, बेरहम, बेरहम |
कम | थोड़ा | कमबख्त, कमदिमाग, कमअक्ल, कमज़ोर, कमउम्र |
ग़ैर | के बिना | गैरकानूनी, ग़ैरहाज़िर, गैरसरकारी, गैरजरूरी |
ना | अभाव | नाराज, नालायक, नादान, नामुमकिन, नापसन्द |
खुश | श्रेष्ठता | खुशनुमा, खुशमिज़ाज, खुशगवार, खुशबू, खुशदिल |
हम | बराबर | हमउम्र, हमराज, हमपेशा, हमदर्दी |
ऐन | ठीक | ऐनवक्त, ऐनमौके, ऐनजगह |
सर | मुख्य | सरताज, सरदार, सरकार, सरपंच |
बेश | अत्यधिक | बेशकीमती, बेशक्ल, बेशऊर, बेशुमार |
बा | सहित | बाकायदा, बाइज्जत, बामौक़ा, बाअदब |
अल | निश्र्चित | अलबत्ता, अलविदा, अलगरज, अलसुबह |
एक उपसर्ग से निर्मित नवीन शब्द | Upsarg in Hindi
- अति + पावन = अतिपावन
- अति + अधिक = अत्यधिक
- अति + रिक्त = अतिरिक्त
- अति + क्रमण = अतिक्रमण
- अति + उक्ति = अत्युक्ति
- अति + आचार = अत्याचार
- अति + उत्तम = अत्युत्तम
- अति + शय = अतिशय
- अधि + कृत = अधिकृत
- अधि + करण = अधिकरण
- अधि + वक्ता = अधिवक्ता
- अधि + कार = अधिकार
- अधि + आदेश = अध्यादेश
- अधि + अयन = अध्ययन
- अधि + पति = अधिपति
- अधि + अक्ष = अध्यक्ष
- अन् + अंत = अनंत
- अन् + इच्छा = अनिच्छा
- अन् + आचार = अनाचार
- अन् + उदार = अनुदार
- अन् + एक = अनेक
- अन् + आदर = अनादर
- अनु + करण = अनुकरण
- अनु + दान = अनुदान
- अनु + गमन = अनुगमन
- अनु + भव = अनुभव
- अनु + भूति= अनुभूति
- अनु + रूप = अनुरूप
- अनु + सरण = अनुसरण
- अनु + कंपा = अनुकंपा
- अनु + शासन = अनुसाशन
- अनु + वाद = अनुवाद
- अप + यश = अपयश
- अप + मान = अपमान
- अप + कर्ता = अपकर्ता
- अप + शब्द = अपशब्द
- अप + कार = अपकार
- अप + हरण = अपहरण
- अप + वाद = अपवाद
- अप + शकुन = अपशकुन
- अभि + कथन = अभिकथन
- अभि + आस = अभ्यास
- अभी + रक्षा = अभिरक्षा
- अभी + नेता = अभिनेता
- अभी + शाप = अभिशाप
- अभी + योग = अभियोग
- अभी + मुख = अभिमुख
- अभी + नव = अभिनव
- अव + तार = अवतार
- अव + चेतन = अवचेतन
दो उपसर्गों से निर्मित नवीन शब्द | Upsarg in Hindi
- निर् + आ + करण = निराकरण
- प्रति + उप + कार = प्रत्युपकार
- सु + सम् + कृत = सुसंस्कृत
- अन् + आ + हार = अनाहार
- सम् + आ + चार = समाचार
- अन् + आ + सक्ति = अनासक्ति
- अ + सु + रक्षित = असुरक्षित
- सम् + आ + लोचना = समालोचना
- सु + सम् + गठित = सुसंगठित
- अ + नि + यंत्रित = अनियंत्रित
- अति + आ + चार = अत्याचार
- अ + प्रति + अक्ष = अप्रत्यक्ष
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर
उपसर्ग शब्द के शुरू में लगता है जबकि प्रत्यय अंत में लगता है। उपसर्ग लगने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है और प्रत्यय लगने पर अर्थ मूल शब्द के आस-पास ही रहता है।
उपसर्ग | प्रत्यय |
---|---|
1. उपसर्ग शब्द के शुरू में लगता है। | 1. प्रत्यय शब्द के अंत में लगता है। |
2. उपसर्ग लगने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है। | 2. प्रत्यय लगने पर अर्थ मूल शब्द के आस-पास ही रहता है। |
3. उदाहरण: प्र + कार = प्रचार इसमें “प्र” उपसर्ग है, जो “कार” शब्द के पहले जुड़ा है। | 3. उदाहरण: इतिहास + इक = ऐतिहासिक इसमें ‘इक’ प्रत्यय है, जो शब्द के अंत में लगा है। |
गूगल से अधिकांश पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रत्यय से आप क्या समझते हैं?
प्रत्यय वह शब्द हैं होते हैं जो किसी शब्द शब्द के अंत में जुड़कर नया अर्थ प्रकट करते हैं। यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना होता है: प्रति + अय। प्रति का अर्थ है साथ में, पर बाद में और अय का अर्थ है चलने वाला।
हिन्दी के उपसर्ग कितने होते हैं?
हिंदी उपसर्ग मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं। हिंदी उपसर्ग इनकी संख्या 10 है। संस्कृत उपसर्ग इनकी संख्या 22 है और उर्दू उपसर्ग इनकी कुल संख्या 19 है।
दिन का उपसर्ग क्या है?
दिन का उपसर्ग है नितदिन और प्रतिदिन।
प्रतिदिन = प्रति + दिन
नितदिन = नित + दिन
संस्कृत में उपसर्ग क्या है?
संस्कृत में मुख्य रूप से 22 उपसर्ग हैं।
प्र, परा, अप, सम्, अनु, अव, निस्, निर्, दुस्, दुर्, वि, आ (आङ्), नि, अधि, अपि, अति, सु, उत्, अभि, प्रति, परि तथा उप।
हिन्दी में उपसर्ग कितने है
हिंदी भाषा में उपसर्ग मुख्य रूप से 10 प्रकार के होते हैं। ऊपर हमने इसके सभी प्रकार को विस्तार से समझाया है।
उपसर्ग क्या है उदाहरण सहित बताइए?
उपसर्ग ऐसे शब्दांश है जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या अर्थ में विशेषता ला देते हैं।
उदाहरण: प्र + हार = प्रहार, ‘हार’ शब्द का अर्थ है पराजय। और प्रहार शब्द का अर्थ है चोट पहुचाना
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